एक प्रेम कहानी
तो दोस्तों कैसे है आप सब और आज मैं आप एक ऐसे सच्ची कहानी सुनने वाला हु जो की मेरे एक टीम मेम्बर की है तो दोस्तो कहानी शुरू होती है मेरे ग्रेजुएशन के पहले साल से सब कुछ सही चल रहा था पढाई भी ठीक ठाक ही चल रही थी दिन कट रहे थे ज़िन्दगी में सब कुछ नया नया सा हो रहा था ऐसा लग रहा था मैं एक अलग सी ही दुनिया में सफर कर रहा हु क्यूकी college की लाइफ ही कुछ अलग सी थी सब लड़के लड़किया आपस में बात कर लेते थे काफी अच्छा माहौल था मेरे साथ पहले ऐसा कभी नहीं हुआ की मैंने किसी लड़की से बात की हो | ये सिलसिला काफी दिन चलता रहा एक लड़की थी जो मुझे कुछ अलग सी लगती थी , वो सबसे अलग सी थी वो कहते है न एक दम बिंदास टाइप कुछ ऐसी ही थी वो | उसे अक्सर चुप चुप के देखता था मैं , उससे बात करने की भी कोशिश करता था मैं || लेकिन मन में एक डर था जो शायद हर लड़के को एक लड़की के साथ होता है | लेकिन ऐसा भी नहीं था की वो मेरा पहला प्यार था क्युकी इससे पहले भी मुझे एक लड़की से प्यार था लेकिन चुप रहने , और डर की वजह से शायद कुछ न कह सका और एक दिन उसका भाई बन गया उसने मुझे राखी बांध थी मैं मना भी न कर सका | मेरा हाल कुछ ऐसा ही था मेरे अंदर जो कुछ न कहने वाली कमी थी शायद यही मेरी कमजोरी थी | चलिए छोड़ते है इस बात को ये तो मेरे स्कूल लाइफ की बात थी | अब अपने मेन टॉपिक पे आते है जिसकी अभी मैं बात कर रहा था नाम तो नहीं लूँगा उसका |
अब कुछ ऐसा होता कि हम और वो साथ में कोचिंग भी पढ़ने लगते है लेकिन अभी भी मैं उससे बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था जो की मेरी सबसे बड़ी कमी थी लेकिन वो कहते है ना की सब का कोई न कोई एक दोस्त जरूर होता है जो उसकी कमजोरी में ताकत बनता है ऐसा मेरा भी एक दोस्त था जिसके चलते अब मेरी बात उस लड़की से होने लगी थी | बाते होने लगी थी प्यार भी बढ़ने लगा था लेकिन उससे कैसे कहूं ये बात बस यही डर फिर से दिल में था | अब तो मैं उसके पीछे ,उसकी गली के चक्कर लगाने लगा था | दिल में यही चाह थी की बस वो देख जाये | फिर क्या था इस बात पर वो भी ध्यान देने लगी की मैं उसके पीछे पीछे जाता हु फिर क्या वो मुझे राखी बांधने की चेतावनी देती है और कहती है की तुम्हारी भी नीयत ठीक नहीं लग रही | वो मुझे सब लड़को जैसे समझ रही थी लेकिन उसे कौन बताये की मैं उससे कितना प्यार करता था और उस दिन में बहुत रोया था | ख़ैर ये सब भी ठीक हो गया | मेरी फिर से उससे बात होने लगी | एक साल बीतने वाला था और एग्जाम आने वाले थे फिर कुछ सोचा की अब बोल दूंगा लेकिन अभी भी हिम्मत नहीं हो रही थी | फिर एक प्लान बनाया की लास्ट वाले पेपर में लव यू बोल कर भाग जाऊंगा फिर जो होगा वो देखा जायेगा | लेकिन मेरी किस्मत ही ख़राब थी कमवख्त कोरोना viras आ गया और पेपर भी cancel हो गए और मेरा प्लान भी फ्लोप अब मैं थोड़ा दुखी सा हो गया | अब तो lockdown पड़ गया और ये बढ़ता भी चला गया | और उसे देखे बिना महीनो गुजर गए | अब कैसी होगी वो |
वो दूर है मगर मिलने की आस बाकी है
उसकी बातो का मीठा अहसास बाकी है
और शायद वो भी चाहती है मुझे
बस पता करना ये राज बाकी हैं
तो दोस्तों ऐसे ही प्यार बनाये रहे जल्द ही इसका पार्ट २ भी मिल जायेगा आप को | धन्यवाद
7 Comments
Very nice post...
ReplyDeleteWelcome to my blog post....
Ye sayad aap biti h kyu bhai
ReplyDeleteBht shaandar story...👌👌👌👌
ReplyDeleteBhagwaan aaapko sb kuchh bolne ki himmat de.jo bhi aap bolna chahte hai....
Prr bolne ke liye himmat chahiye ,uske alawa kuch achha karna hau to...pyaar ki jaroorat padegui..
Ise apne saath lekar chaliye...
All the best... 👍
Amazing
ReplyDeleteSuperb.....
Keep writing...
Ye khanai hai kiski
ReplyDeleteYe khani hai kiski kyu ji.... bolo jra
ReplyDeleteMst
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