तेरे बिन नहीं रह सकता

तेरे बिन नहीं रह सकता 


तेरे बिन नहीं रह सकना


उस सावले सजन पर ही तो मरी जा रही हूँ मैं 
बस उसे देख कर ही तो घुट मोहब्बत के पीए जा रही हूँ मै 
अब मेरी आंखे भी जता रही है कि मुझे प्यार हो गया है उनसे 
लेकिन अपने लफ्जो से ना बता पा रही हूँ मै | 

उन्हें देखने के खातिर रोज सुबह छत पर जल्दी आ जाती हूँ मै 
उनकी आँखों की मस्ती को बिन बोले ही समझ जाती हूँ मै 
उनसे मिलने के खातिर रोज collage से देर से आती हूँ मै 
घर के बाहर उनको देख कर घबराती हूँ मै 
गर भईया ने देख लिया तो ना जाने क्या होगा 
दुबला सा तो है बेचारा उसको कुछ हो गया तो 
मर जाउंगी मैं 
उसके बिन अब रहना पाउगी मै उसके बिन जी न पाऊंगी मैं | 


तेरे बिन नहीं रह सकना

मोबाइल के दौर में चुपके से खत लिखती जाती हूँ मैं 
(वो) उसको तकलीफ न हो इस लिए छोटी बहन से भिजवाती हूँ मैं 
कोइ देख ना ले यही डर सताए रहता है 
जल्दी  से जबाब आये बस यही ख्याल तड़पाये रहता है 
रो -रो कर मेरा दिल यू ही अकेले जीता है 
मैं मैं मैं मैं तो मैं हूँ वो लड़का भी मेरे बिन घुट घुट कर जीता है 
(उसके बिन ) अब यु ही उसे ना तड़पाऊंगी मैं 
अब उसके बिना ना रह पाऊँगी मैं अब उसके बिन जी न पाऊँगी मैं 


छोटे से पन्ने पर नंबर लिखती हूँ मैं 
भईया न जाने इसलिए उसमे नमक रखती हूँ मै 
पापा न जाने कि बेटी हो गयी सायानी है 
वो गई किसी के प्यार की दीवानी है 
अब फ़ोन पर भी उन्हें दिल के दर्द ना बयां कर पाती हूँ 
अब तो बैठे बैठे कही खो जाती हूँ मैं 
अब तो हँसते हँसते रो आती हूँ मैं 
याद करके उनको अंजुम के गीत गुनगुनाती हूँ मैं 
बस यही सोच कर सहम जाती हूँ मैं 
कि उसके बिन रहना पाऊँगी मैं उसके बिन जी ना पाऊँगी मैं 


तेरे बिन नहीं रह सकना

जब -जब गांव जाती हूँ मैं उनको देखने को तरस जाती हूँ मैं 
अब तो चटपटी सब्जी भी मुझको ना भाती है 
अरे आज तो चाट - पकौड़ी भी मुझको न लुभा पाती है 
उनसे मिली हर याद सताती है मुझको ये जुदाई अंदर ही अंदर खाये जाती है 
एक दिन ऐसा होता है मुझसे मिलने गांव को आता है 
उनको देख कर मुस्कराती हूँ मैं 
उनसे मिलने छुप -छुपकर गांव के बाहर जाती हूँ मैं 
उस पर तन मन सब लुटाती हूँ मैं घंटो तक बतयाती हूँ मैं 
उसके संग ही ज़िंदगी बिताना चाहती हूँ मैं 
क्यूकी उसके बिन रहना पाऊँगी मैं 
उसके बिन जीना पाऊँगी मैं 

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4 Comments

  1. दूसरी पंक्ति अच्छी है।

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  2. Kaise aapne likha hai ek ladki ke dard ko ki..shabd to saare padh liye prr bhavnaaye aisi hai in sbdo me .....ki smjhne ke liye in पंक्तियों के दुख के गहरे समंदर में ही उतारना पड़ जाए...!
    बहुत भावुक,और बहुत सुंदर तरीका लिखने का और सुंदर आपका पूरा व्याख्यान ...!
    लाजवाब

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  3. Hmmm nyc ladkiyo ki axi jankari hai..

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  4. kitta accha likhte ho aap
    kaise itta deep feel karke likh lete h aap

    bht sundarta se prakat ki h bhavnae aapne...😍😍😉😉

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