Shayari on my favourite teacher
लफ्जों को तौल रहा हूं मै
आज अपने आचार्य पर बोल रहा हूं मैं।।
उन्हें देख हम चुप हो जाते थे
वह हमें गणित जो पढ़ाते थे
काफी डाटा मारा भी
मगर सच कहूं तो वही हैं जो हमें स्कूल में सबसे प्यार से पढ़ाते थे।।
हर उलझन का उपाय थे वो
हर जीत का आगाज थे वो
कहने को तोड़े से रूखे रूखे से थे
पर सबसे खास थे वो ।।
पेपर में मस्ती करवाते थे
कभी-कभी हमें कहानियां सुनाते थे
हर पल ना करें हम मस्ती
इसलिए बड़ी जोर से डांट भी जाते थे
आप सा बनू ये चाहत है मेरी
आप सा दिखू ये ख्वाहिश है मेरी
अब तो इन ख्वाहिशों को पूरा करने में लग गए हैं हम
हां आप सा चलना सीख गए हैं हम
वो रेलिंग पर आपके खडे होने का अंदाज
स्कूल में सबसे अच्छा लगता था
उसे तो लड़ते भी नहीं थे हम
जो बच्चा आप सी बातें करता था
आपकी बातें जादू
आपका अंदाज थोड़ा अतरंगी है
हां सर हम हैं बेशक बैकबेंचर
मगर हमारा भी थोड़ा सा अंदाज सतरंगी है
अंग्रेजी में चलती नहीं अपनी
हिंदी में भी पिट जाते थे
हां सर पर आपको देख कर एक नई उमंग जगती थी
इसलिए आपके सब्जेक्ट में अच्छा करने में लग जाते थे।।
उम्मीद आपकी अपनी जान से ज्यादा प्यारी है
इसलिए हम शोर मचाने वाले आपके कलास में चुप हो जाते थे
हां सर आपका क्लास खाली भी होता ना
तो भी हम उड्डंदी बालक चुप चाप बैठ पढ़ने लग जाते थे ।।
वो आपके जीके के क्वेश्चन
वो आपकी लाड़ वाली मार
हमें तो जीवन भर याद रहेंगे आप
क्या आप याद रख सकेंगे हमें और हमारा प्यार।।
हम सब क्लास वालों की तरफ से बहुत बहुत आभार आपको sir ।।
This is for you Vijay sir..
1 Comments
Very nice....
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