||हमें भूल जाना नहीं ||
कि रूठ कर ही हूं ना भुलाना मुझे
परिंदा हूं रास्ता भटक जाऊंगा
और खफा होना है तो हो लो
मगर मैं तुम्हें छोड़ नहीं पाऊंगा।।
कि काफिरों सा भटकुंगा
दरबदर मै
मगर किसी दर पर रुकूंगा नहीं
मैं सिर्फ तुम्हारा हूं
किसी और के लिए झुकुंगा नहीं।।
की खाक में मिला कर तुम जाना नहीं
यूं रूठ कर हमसे हमें भुलाना नहीं।।
हम पागल हैं प्यार में तुम्हारे
हमें बेगाना कभी बताना नहीं
यू रूठ कर हमसे हमें भुलाना नहीं।।
की गलतियां करता हूं
लाख बुराइयां भी हैं
मगर दूर जाकर हमे सताना नही
यूं रूठ कर हमसे हमें भुलाना नहीं।।
कहो तो जान दे दूं हंसकर
तुम्हारे बिन जीने से भी क्या फायदा।।
जिंदगी भर सताया मुझे
हर पल रुलाया मुझे
मेरे अपनों ने यार,, पराया बनाया मुझे
अब तुम्हारे बिन जी पाना नहीं
जो रूठ कर हमसे हमें भूल जाना नहीं।।
कहने को मजबूत हू
मगर आज मजबूर हूं
मानता हूं माफी
बिन माफी मुझे नजरें हटाना नहीं
यू रूठ कर हमसे हमें भूल जाना नहीं।।
कि कह दूं बोलो सारी कायनात से
तुमसे ज्यादा किसी को चाहता नहीं
तुम्हारे बिन मैं अब रह पाता नहीं
नादानी बैठे बैठे खो जाता कहीं
अब और ऐसे में रह पाऊंगा नहीं
रूठ कर हमसे हमें भूल जाना नहीं।।
7 Comments
Atilajabaw.....💗💗💖
ReplyDeleteBht hi badhiya...
ReplyDeleteVery अच्छा:):):)
ReplyDeleteLaajbaaw shandaar majedaar
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteFabulous ��������
Fantastic......
ReplyDeleteAmazing
Likhne wale n bhi kya kaareegari istemal ki hai...
ReplyDeleteJo itni achhi farmaish ki hai...