सच्चा प्यार
कि खुद से ज्यादा जानता हूँ उसे
बस इतना चाहता हूँ उसे |
शराबी आंखे, कातिलाना बातें
हाय क्या कमाल करती है
जान लो यारो
ये वही है जो मुझसे प्यार करती है |
कि रुसवा हो जाऊ तो मनाती है ये
मेरी है ना बस इस कदर चाहती है ये |
कि शौक मेरा आजादी से रहने का है
पर अक्सर उसके रोकने पर रुक जाता हूँ
ना जाने उसे इतना चाहता हूँ |
मोहब्बत एक तरफा होती है
दोनों तरफ से हो जाये
तो उसे किस्मत कहते है |
कि कबूल कर लिया हर गुनाह हमने
अब सुनना सजा बाकी है
नजर क्या मिली
कहने लगी फिजाये ये शख्स बागी है |
मुझ पर जान लुटाता है
मेरे लिए अपनों से लड़ जाता है
और हा सक करती हूँ उस पर
क्युकी जानती हूँ वो मुझे सबसे ज्यादा चाहता है |
कि मोहब्बत में तुम्हारी
इस कदर डूबे है हम
न नींद , न चैन
बस तुम्हारे लिए सुपनो में खोते है हम |
शान सोहरत सुब तुम सा हसी हो,
गर मिल जाओ तुम तो ये जहाँ लाजिमी हो |
रुखसत हूँ जब जहाँ से तब हम साथ हो
ना करीब हो तो क्या हुआ बस पास हो |
कि दूर जाऊ तो संभाल लेना
सुना है तुम्हारे आलावा मैं किसी की सुनती नहीं |
कि धन , दौलत ,सोहरत सब तुम पर वारा है
सच कहती हूँ मेरा सजन जहाँ में सबसे
प्यारा है |
कि हँसी बाते
हँसी यादे
हंसी हर पल है
मेरी अपनी मेरे संग है |
कहने को रूठती बहुत है
गुस्सा बहुत होती है
पर sorry बोलते ही मान जाती है
हय मुझे कितना चाहती है |
कि उसकी शोहबत में सब
फीका लगता है
तो प्यार से मिर्च भी खिला
दे ना , तो मीठा लगता है |
कि उसकी हर फरमाईश पूरी
करना चाहता हूँ , मैं
उसके लिए कुछ बनना
चाहता हूँ में |
3 Comments
nice shayari
ReplyDeletebadhiya 😊
ReplyDeletekeep it up..👍👍👍
Bss aise hi aur badhiya badhiya. Likhte raho...roj roj...
ReplyDeleteHm padhte rahnege...
Thoda...hm bhi seekh lenge kuchh n kuchh😅
Continue this....
Very nice...👌👌