अकेला हूँ अकेले लडूंगा

अकेला हूँ अकेले लडूंगा 

अकेला हूँ अकेले लडूंगा

एक लड़का जिसके बारे में पहले बताऊंगा , फिर सुनाऊंगा वो कहानी जो हमे हिम्मत  देती है | 

जो काबिल था , नटखट  था शरारती था 
 हर वक्त हसने और दुसरो को हँसाने वाला था 
न जाने क्यू चुप होता जा रहा है 
धीरे धीरे दुनिया से दूर कही खोता जा रहा है 

नहीं ये कोई प्यार मोहब्बत नहीं बल्कि 
जिम्मेदारी थी जो उसे सोने नहीं देती थी 
वक्त- बेवक्त रोने नहीं देती थी | 
अकेला हूँ अकेले लडूंगा


घर में सबसे छोटा मगर अकेला 
लड़का था , सर पर पिता का साया नहीं 
दर - बदर भटकता एक छोटा सा मासूम 

बच्चा था मासूम था , हालत के 
हाथो मजबूर था , टूट गया 
अकेले में बैठ कर घंटो रोया 
अपनी जिंदगी को बहुत कोसा 
कि जाने क्यू पैदा हो गया मैं 
क्यू मेरी ज़िन्दगी इतनी बदसूरत है 

14 साल का था जब पता चला की 
सारे रिश्ते सारे दोस्त वक्त पर काम नहीं आते 
बल्कि जब तुम से काम हो तो आते है 

छोटा लड़का और एक बड़े घर की जिम्मेदारी 

ऐसा लगता था , मानो सारे पहाड़ उस पर जानबूझ 
कर गिराए जा रहे है वो जिसे एक 
पल जिसे अपना समझता वो पराया हो जाता है 

बात ऐसी थी की जेब में एक पैसा नहीं 
और सपने बहुत बड़े थे , सोचा job कर लू 
job भी मिल जाती है , मगर पढाई 
यार छूट सी जाती है 
की घर के चक्कर में खुद को भूल 
चुका था मैं 
हा तो कामियाबी बाली बात , बस उस पर 
टूट पड़ा था मैं 

अब हर हालत में पैसे कमाने थे , 
अपने घर में सबको कपडे दिलाने थे 
पहली सैलरी का सूमार था , मुझे 
मगर सैलरी मिली तो ऐसा लगा 
जैसे कही सो गयी , उससे ज्यादा 
कर्ज था मुझ पर 
अकेला हूँ अकेले लडूंगा

अब जो टुटा संभला नहीं मै 
निराश था job भी छोड़ दी 
आज फिर सोचा मर जाता हूँ  ना 
मेरे साथ सब ख़त्म हो जायेगा 
मगर फिर सोचा मेरे मरने से 
मेरे क्रियाकर्म में खर्चा होगा 
मेरे बाद मेरे घर वाले कैसे करेंगे 
माँ को रुला कर हसायेगा कौन 
बहनो को सतायेगा कौन 
भईया की बातो पर यूँ  ही लड़ जायेगा कौन 
मै न रहा तो शायद मेरे अपने हार जायेंगे 

मेरे लिए ना सही पर आज अपनों 
पर आज अपनों के लिए जिन्दा हूँ मै , ये मौत 
आज शर्मिंदा हूँ  मैं, कर लू सपने 
पुरे अपनों के , फिर आ जाना 
हम साथ चलेंगे 

वादा है फिर किसी के लिए 
रुकूंगा नहीं 
पर हाँ पहले ना आ जाना 
जिद्दी हूँ उसके काबिल 
बनने से पहले झुकूंगा नहीं 
मैं अब मर कर भी 
 खुद से मरूंगा नहीं | 

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4 Comments

  1. Bht behtreen tarike se aapne ek bache ke uppar jimmedariyo ka saaya kaise chha jata hai jab koi uska apna saath n hota hai ......ise aapne bht sundar dhang se pesh kiya hai
    Bht badhiyà za 👌👌👌👌

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  2. ये दुआ हुआ मेरी की...
    आप इस कविता पथ पर एक नई क्रांति को एक नई चिंगारी को जन्म denge
    Wish you very all the best..👌👌👍

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  3. Hmmmm kuch bhi ulta shida na socho okkkk

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