||वो बस कमाल है||
कि चंचल है स्वभाव उसका
मनभावन उसकी चाल है।
अब क्या बोलूं उसके बारे में
वह बस कमाल है।।
कि मेरी बेरंग जिंदगी का साज है
कि मेरी खुशियों का वो ताज है
और रूबरू होना हमे पसंद नहीं
हमें एक दूसरे पर नाज है।।
की जुल्फों का जादू सर चढ़ जाता है
वह मासूम चेहरा याद आता है
सोचता हूं बस जाकर चंद बातें कर ले
वह आती है मगर उसे घंटों पहले जाने नहीं दिया जाता है।।
कि नूर उसमे चांद सा
सितारों की चमक है
थोड़ी शर्मीली थोड़ी शरारती
गुस्से में करती वो बवाल है
अब क्या बोलूं उसके बारे में
वो बस कमाल है।।
कि रूठती भी है मनाती भी है
गुस्सा भी करती है चाहती भी है
याद भी करती है कभी बुलाती भी है
मगर मैं धोखे से ना याद करूं
तो करती कई सवाल है
अब क्या बोलूं उसके बारे में
वह बस कमाल है ।।
कि छोटे बच्चों की तरह जिद करती है
हर वक्त लड़ती रहती है
मगर इतना तो मैं शान से कहता हूं यार
वह बस प्यार मुझसे ही करती है।।
न जाने क्या खता हुई वह दूर हमसे होती है
जिंदगी जिंदगी ना रही ना जाने कैसे कटती है
और बस उसका हाथ मेरे आंसू पोंछ जाते हैं
हां यार उसके दूर होने पर छोड़ो
दूर होने की बात पर भी हम अक्सर रो आते हैं।।
खूबसूरती नहीं उसकी सादगी पसंद है
वह मेरी मां को मां कहती है बस यही बंदगी पसंद है
और बगैर उसके जिया नहीं जाएगा
वह है जिसमें मुझे बस वही जिंदगी पसंद है
अरे कहने को अब क्या कहूं वो लड़की है कि सवाल है
अरे अब क्या बोलूं उसके बारे में
वो बस कमाल है।।
5 Comments
Bht badhiya....
ReplyDeleteBht khoob...🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
Dhaansu.....
ReplyDeleteNice one
Really superb
ReplyDeleteKamaal hai aapke likhne ka ye andaz bhi
ReplyDeleteAap bss kamaal ho
ReplyDeleteAur likhi hui ye lines bhi kamal h
Lajavab h....
Magnificent